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लेखनी प्रतियोगिता -24-May-2022

मेरा सहाय, पवन तनय 

इरादा नही है मेरा, 
धर्मो मे भेदभाव करना, 
हर किसी का अपना विश्वास, 
प्रचार करने से क्यो डरना?

आज करू बाते मे उनकी, 
जो रहते मेरे सहाय, 
जिनके रहते मेरे जीवन मे, 
कभी-कभार मुश्किल आए। 

जो भी हो मुश्किल मगर, 
कर देते वो झट से दूर, 
कुछ न सेवा करती मै उनकी, 
सिर्फ जलाती रोज़ एक दीपक, देकर कपूर। 

कई नाम है उनके, 
जिनमे से एक है पवनपुत्र, 
जीवन के हर उलझन की 
निकाल लाते वो सूत्र 

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6 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

25-May-2022 10:51 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

25-May-2022 01:51 PM

बेहतरीन रचना

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Shrishti pandey

25-May-2022 12:53 PM

Nice

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